Health Insurance (हेल्थ इंश्योरेंस): Do’s & Don’ts क्या करें और क्या न करें

Health Insurance: Do’s & Don’ts

हेल्थकेयर महँगा होता जा रहा है। बीमारी या हॉस्पिटलाइजेशन न सिर्फ़ जेब पर असर डालता है, बल्कि कमाई और दिनचर्या भी प्रभावित होती है। सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय इन ज़रूरी Do’s & Don’ts को ज़रूर ध्यान में रखें।

Do’s (क्या करें)
  • कवरेज की सीमाएँ समझें
  • हर पॉलिसी में कुछ लिमिट्स/एक्सक्लूज़न्स होते हैं- उन्हें शुरू में ही पढ़ लें, ताकि क्लेम के समय सरप्राइज़ न मिले।
  • शर्तें ध्यान से पढ़ें
    • Pre-existing diseases (पहले से मौजूद बीमारियों) की शर्तें
    • Waiting period (कुछ बीमारियों/मेटरनिटी आदि के लिए)
    • Expense limits (रूम-रेंट, ICU, डे-केयर, स्पेसिफिक ट्रीटमेंट)
    • Co-payment/ Deductible (क्लेम का हिस्सा आपको भरना)
    • Renewal conditions (लाइफ़-लॉन्ग रिन्यूअल, ग्रेस पीरियड)
    • Entry/Renewal age limits (प्रवेश/नवीनीकरण की अधिकतम आयु)
  • स्वास्थ्य जानकारी ईमानदारी से बताएं
  • सब प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशंस—जैसे हाई BP, डायबिटीज़, थायरॉइड, सर्जरी/हॉस्पिटलाइजेशन का इतिहास—स्पष्ट लिखें।
  • मेडिकल टेस्ट/डॉक्युमेंटेशन पूरा करें
  • इंश्योरर उम्र/रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार टेस्ट मांग सकता है। प्रक्रिया में सहयोग करें और सभी रिकॉर्ड संभाल कर रखें।
  • टेस्ट कहाँ और कैसे होंगे—पहले जान लें
  • नेटवर्क डायग्नोस्टिक सेंटर, रिपोर्ट का टर्न-अराउंड-टाइम (TAT) और फॉर्मेट (हार्ड/सॉफ्ट कॉपी) कन्फर्म करें।
  • टेस्ट की लागत कौन देगा—क्लियर रखें
  • कई बार प्रपोज़ल अस्वीकार होने पर टेस्ट-खर्च रिफंड नहीं मिलता- पहले से लिखित में स्पष्टता लें।
  • अंडरराइटिंग के बाद ही प्रीमियम भुगतान करें
  • कंपनी प्रपोज़ल स्वीकार कर ले, तभी अंतिम प्रीमियम जमा करें—ताकि बाद में रिफंड/कटौती की दिक्कत न आए।
  • पॉलिसी समय पर रिन्यू करें—बिना गैप के
  • हर साल रिन्यूअल डेट से पहले नवीनीकरण करें; ग्रेस पीरियड में भी क्लेम कवरेज सीमित हो सकता है।
Don’ts (क्या न करें)
  • तथ्य न छिपाएँ
  • गलत/अधूरी जानकारी से क्लेम रिजेक्शन का बड़ा जोखिम रहता है।
  • रिन्यूअल में गैप न होने दें
  • एक दिन का ब्रेक भी वेटिंग पीरियड/कंटिन्युइटी बेनिफिट बिगाड़ सकता है और कवरेज बेकार हो सकती है।

Overseas Health Policy: Do’s & Don’ts

विदेश यात्रा के लिए अलग ट्रैवल/ओवरसीज़ हेल्थ पॉलिसी लें। इनमें मेडिकल के साथ कई ट्रैवल-रिस्क भी कवर होते हैं।

Overseas Health Policy: Do’s
  • समय से पहले इंश्योरेंस खरीदें
  • ट्रैवल डेट से पहले ही पॉलिसी लें ताकि ज़रूरी मेडिकल टेस्ट/वेरिफ़िकेशन हो जाए।
  • पूरी यात्रा अवधि व सभी देशों को कवर करें
  • मल्टी-कंट्री/शेंगेन जैसी आवश्यकताओं के अनुसार कवरेज चुनें; पोर्ट-ऑफ-एंट्री नियम देखें।
  • कवरेज क्या-क्या है- स्पष्ट समझें
  • अक्सर शामिल होते हैं:
    • हॉस्पिटलाइजेशन/OPD/एंबुलेंस
    • पासपोर्ट/नकदी/बैगेज लॉस
    • रिपैट्रिएशन/इवैक्यूएशन
    • ट्रिप डिले/कैंसिलेशन (प्लान पर निर्भर)
  • सभी प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशंस डिस्क्लोज़ करे
  • हाई BP, डायबिटीज़, क्रॉनिक बीमारियाँ- सब लिखें; जोखिम छुपाने से क्लेम अटक सकता है।
  • टेस्ट/डॉक्युमेंटेशन का पालन करें
  • कंपनी के बताये चैनल में टेस्ट कराएँ; पासपोर्ट, वीज़ा, टिकट, इटिनेररी कॉपियाँ रखें।
  • टेस्ट कहाँ/कैसे होंगे- पहले पूछें
  • नेटवर्क लैब/पैनल हॉस्पिटल और रिपोर्ट समय नोट करें।
  • टेस्ट-खर्च कौन देगा- कन्फर्म करें
  • रिफंड पॉलिसी व शर्तें लिखित में रखें।
  • अंडरराइटिंग क्लियरेंस के बाद ही प्रीमियम फ़ाइनल करें
  • प्रपोज़ल मंज़ूर होने पर भुगतान करें- रद्दीकरण/कमीशन कटौती से बचेंगे।
Overseas Health Policy: Don’t
  • तथ्य न छिपाएँ
  • विदेश में क्लेम के वक्त डिक्लेरेशन मिसमैच सबसे बड़ा विवाद कारण बनता है।
Health Insurance
Health Insurance

Health Insurance Bonus: स्मार्ट ख़रीद चेकलिस्ट (दोनों पॉलिसियों पर लागू)

  • पर्याप्त Sum Insured (मेट्रो/परिवार आकार/महँगाई देखें)
  • Waiting Period (प्रि-एग्जिस्टिंग/मेटरनिटी/स्पेसिफिक डिज़ीज़)
  • Room Rent/ICU/Procedure सब-लिमिट्स
  • Co-pay/Deductible और उनकी गणना समझें
  • Cashless नेटवर्क हॉस्पिटल्स/इंटरनेशनल असिस्टेंस
  • OPD/Day-care/AYUSH/Modern treatment कवरेज
  • No-Claim Bonus/Restoration लाभ
  • Exclusions की सूची पढ़ी/सेव की
  • Claim process & TAT (डॉक्यूमेंट लिस्ट, हेल्पलाइन)
  • Insurer CSR/Reviews/Service quality
  • Lifetime renewability और portability विकल्प
  • Tax benefit (80D) लागू? (भारत के लिए)
  • Overseas: रिपैट्रिएशन, बैगेज/पासपोर्ट/ट्रिप कवर शामिल?

Read more about … IRDAI Health Insurance Regulations – 2016

FAQs

Q1: क्या सस्ता प्रीमियम हमेशा बेहतर है?

हमेशा नहीं। सस्ता प्लान अक्सर सब-लिमिट, को-पे या एक्सक्लूज़न्स के साथ आता है—टोटल आउट-ऑफ-पॉकेट देखकर निर्णय लें।

Q2: अगर पॉलिसी में गैप हो गया तो?

कंटिन्युइटी बेनिफिट/वेटिंग पीरियड रीसेट हो सकते हैं। तुरंत रिन्यू करें; ज़रूरत पर नई पॉलिसी लें लेकिन शर्तें फिर से लागू होंगी।

Q3: ओवरसीज़ पॉलिसी में किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है?

पासपोर्ट, वीज़ा, टिकट, यात्रा कार्यक्रम, मेडिकल डिक्लेरेशन/टेस्ट रिपोर्ट, पॉलिसी डॉक्युमेंट और 24×7 असिस्टेंस नंबर।

Q4: कैशलेस न मिले तो क्या करें?

नेटवर्क न होने/रिजेक्शन पर Reimbursement मोड से क्लेम करें—सारे ऑरिजिनल बिल/रिपोर्ट्स संभालकर रखें।

स्वास्थ्य बीमा(Health Insurance) के लिए सामान्य सलाह

जब आप बीमा पॉलिसी खरीदने का निर्णय लें:

  • यह जांचें कि पॉलिसी बेचने वाली कंपनी IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) में पंजीकृत है या नहीं।
  • हमेशा पॉलिसी असली लाइसेंसधारी एजेंट या ब्रोकर से ही खरीदें। उनसे पहचान पत्र या लाइसेंस अवश्य मांगें।
  • आप सीधे बीमा कंपनी से भी पॉलिसी खरीद सकते हैं।
  • पॉलिसी का ब्रॉशर/प्रॉस्पेक्टस ध्यान से पढ़ें और यह जान लें कि पॉलिसी में क्या-क्या कवर किया गया है और क्या नहीं।
Cashless Claim
Cashless Claim

निष्कर्ष

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना “केवल फॉर्म भरना” नहीं है—यह शर्तों को समझकर ऐसा कवरेज चुनना है जो सचमुच संकट की घड़ी में साथ दे। ऊपर दिए Do’s & Don’ts अपनाएँ, जानकारी पारदर्शी रखें, समय पर रिन्यू करें, और ओवरसीज़ ट्रैवल के लिए अलग, यात्रा-उपयुक्त पॉलिसी लें—ताकि इलाज के समय वित्तीय तनाव न्यूनतम रहे।

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