IPO में लिस्टिंग गेन
सबसे पहले समझें – लिस्टिंग गेन क्या होता है?
जब कोई कंपनी अपना IPO लाती है, तो वह अपने शेयर एक तय कीमत पर जनता को देती है। इस कीमत को Issue Price कहते हैं। फिर जब ये शेयर स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE या BSE) पर पहली बार ट्रेडिंग के लिए लिस्ट होते हैं, तब उनकी कीमत बढ़ भी सकती है या घट भी सकती है। अगर लिस्टिंग के दिन शेयर की कीमत, Issue Price से ज़्यादा होती है, और आपने वह शेयर IPO में लिया था, तो उस बढ़े हुए रेट को ही “Listing Gain” कहते हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए Zomato का IPO आया था ₹76 के रेट पर। लिस्टिंग के दिन वो ₹116 पर खुला। तो लिस्टिंग गेन = ₹116 – ₹76 = ₹40 प्रति शेयरअगर आपके पास 195 शेयर थे, तो फायदा = 195 x ₹40 = ₹7,800
क्यों लोग लिस्टिंग गेन चाहते हैं?
लिस्टिंग गेन से आपको:
- बहुत जल्दी मुनाफ़ा मिल सकता है — सिर्फ कुछ दिनों में।
- बिना लंबा इंतज़ार किए, आप शेयर बेचकर तुरंत पैसा बना सकते हैं।
- कई लोग IPO में सिर्फ इसी मकसद से निवेश करते हैं।
- लेकिन इसके लिए सही रणनीति, जानकारी और अनुभव ज़रूरी है।
IPO में लिस्टिंग गेन कमाने के 8 आसान और ज़रूरी टिप्स:
Strong कंपनी को पहचानें
लिस्टिंग गेन तब मिलता है जब कंपनी का बिज़नेस अच्छा होता है और उस पर लोगों को भरोसा होता है। जैसे: Zomato, Nykaa, IRCTC, Tata Tech जैसी कंपनियों का ब्रांड पहले से फेमस होता है। ऐसी कंपनियाँ लिस्टिंग पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
सलाह: कंपनी का नाम, काम, ग्राहक और ब्रांड वैल्यू चेक करें।
Anchor Investors और QIB की दिलचस्पी देखें
Anchor Investors यानी बड़ी-बड़ी संस्थाएं जैसे म्यूचुअल फंड, विदेशी कंपनियां अगर IPO में पहले ही पैसा लगा रही हैं, तो यह अच्छा संकेत है। QIB (Qualified Institutional Buyers) की सब्सक्रिप्शन ज़्यादा हो तो समझिए कि कंपनी में दम है।
सलाह: IPO खुलने के 1-2 दिन बाद QIB और Anchor की भागीदारी ज़रूर देखें।
GMP (Grey Market Premium) की जानकारी लें
GMP का मतलब है – IPO की unofficial market में क्या कीमत चल रही है। अगर GMP ज़्यादा है, तो यह संकेत हो सकता है कि लिस्टिंग पर प्राइस ऊपर जाएगा। लेकिन सिर्फ GMP पर भरोसा मत कीजिए। ये मार्केट अफवाहों से भी चलती है।
कंपनी के फ़ायदे और घाटे को समझें
अगर कंपनी मुनाफ़े में है और उसका भविष्य अच्छा दिखता है, तो IPO में भरोसे के साथ पैसा लगाइए। अगर कंपनी घाटे में चल रही हो (जैसे Paytm का मामला), तो लिस्टिंग गेन की उम्मीद कम हो सकती है।
5. IPO में Cut-Off Price पर ही Apply करें
जब IPO में आवेदन करते हैं, तो प्राइस बैंड दिया जाता है – जैसे ₹100–₹120। हमेशा ऊपरी प्राइस यानी Cut-Off Price पर आवेदन करें। इससे अलॉटमेंट की संभावना भी बढ़ती है और लिस्टिंग गेन भी मिल सकता है।
6. पब्लिक रिस्पॉन्स देखें
अगर IPO को बहुत ज़्यादा सब्सक्रिप्शन मिल रहा है, जैसे 50 गुना, 100 गुना, तो समझ जाइए कि लिस्टिंग पर ज़ोरदार हलचल होगी।
सलाह: अंतिम दिन रिटेल, QIB और NII सब्सक्रिप्शन डेटा ज़रूर देखें।
Issue Size और शेयर्स की संख्या
अगर किसी IPO में शेयर कम हैं और मांग ज़्यादा है, तो शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है। जैसे: कम supply और ज़्यादा demand = दाम बढ़ेंगे। छोटे IPO में लिस्टिंग गेन के चांस ज्यादा होते हैं।
शेयर लिस्टिंग के दिन का ट्रेंड देखें
लिस्टिंग के दिन के पहले 30 मिनट बहुत ज़रूरी होते हैं। अगर शेयर तेज़ी से ऊपर जा रहा है, तो कुछ घंटों में बेच सकते हैं। अगर थोड़ा ऊपर गया है और फिर गिरने लगा, तो जल्दी बेचिए। सलाह: बिना लालच के Target Profit पर बेचिए — वरना जो मुनाफ़ा है वो भी चला जाएगा।
लिस्टिंग गेन में होने वाली आम गलतियाँ:
IPO में शेयर खरीदकर लिस्टिंग के दिन बेचकर तुरंत मुनाफा कमाने की कोशिश को लिस्टिंग गेन कहा जाता है। लेकिन इसमें कई लोग कुछ आम गलतियाँ कर बैठते हैं, जिससे नुकसान भी हो सकता है।
- सिर्फ हाइप में निवेश करना:
- कई लोग IPO सिर्फ इसलिए लेते हैं क्योंकि सोशल मीडिया, न्यूज या दोस्तों में उसकी चर्चा है।
- बिना कंपनी के बिज़नेस, फाइनेंशियल्स और ग्रोथ प्लान देखे निवेश करना जोखिम बढ़ा देता है।
- ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) पर पूरा भरोसा करना:
- GMP सिर्फ एक अनुमान है, पक्का रिटर्न नहीं।
- कई बार IPO का GMP ऊँचा होता है, लेकिन लिस्टिंग के दिन शेयर गिर भी सकता है।
- लंबी अवधि के लिए सोचकर ना चलना:
- कई निवेशक सिर्फ लिस्टिंग डे पर बेचने की सोचते हैं, लेकिन मार्केट कंडीशन खराब होने पर शेयर का प्राइस गिरने पर घबरा जाते हैं।
- कभी-कभी होल्ड करने से ज्यादा फायदा मिल सकता है।
- लिस्टिंग के दिन लालच में देर से बेचना:
- अगर आपका टारगेट प्रॉफिट 15% था और वो मिल गया, तो समय पर बेचना जरूरी है।
- लालच में देर करने पर प्राइस गिर सकता है और फायदा हाथ से निकल सकता है।
- मार्केट सेंटिमेंट को नजरअंदाज करना:
- ग्लोबल मार्केट, RBI पॉलिसी, या इकोनॉमिक न्यूज़ लिस्टिंग पर असर डाल सकते हैं।
- कई बार कंपनी अच्छी होती है, लेकिन मार्केट मूड खराब होने से प्राइस गिर जाता है।
- सिर्फ कर्ज लेकर IPO लेना:
- IPO में कर्ज लेकर निवेश करना खतरनाक है, क्योंकि लिस्टिंग डे पर नुकसान हुआ तो ब्याज का बोझ अलग पड़ेगा।
- एक ही IPO में ज्यादा पैसा लगाना:
- पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन न होना रिस्क बढ़ाता है।
- एक IPO पर पूरा भरोसा करने से बड़ा नुकसान हो सकता है।
- असली खर्च और टैक्स भूल जाना:
- ब्रोकरेज, टैक्स, और अन्य चार्जेज निकालकर ही नेट प्रॉफिट देखना चाहिए।
हाल के IPO जिनमें अच्छा लिस्टिंग गेन मिला:
- Tata Tech
- Cyient DLM
- Idea Forge
सीख: अच्छी कंपनी + सही समय = बड़ा लिस्टिंग गेन
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लिस्टिंग गेन पर टैक्स देना पड़ता है क्या?
हाँ, अगर आपने IPO में शेयर लेकर लिस्टिंग के दिन या कुछ ही दिनों में बेच दिया, तो यह Short Term Capital Gain (STCG) में आता है। इस पर 15% टैक्स लगता है। लेकिन अगर मुनाफा ₹1 लाख से कम है और आपकी कोई और इनकम नहीं है, तो टैक्स की ज़रूरत नहीं होती।
निष्कर्ष:
IPO में लिस्टिंग गेन कमाना कोई जुआ नहीं है — यह जानकारी, रिसर्च और सही चुनाव की बात है। हर बार मुनाफा नहीं होता, लेकिन अगर आप ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स फॉलो करें, तो नुकसान से बच सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं।
“समझदारी से निवेश कीजिए, और मुनाफा अपने आप आएगा।”