ITR फाइलिंग 2025: जानिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) क्या है, कौन फाइल करे, ITR के प्रकार, फाइल करने की प्रक्रिया, आखिरी तारीख, लेट फीस और ऑनलाइन/ऑफलाइन तरीका

आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग – 2025 में पूरी गाइड

ITR फाइलिंग 2025: जानिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) क्या है, कौन फाइल करे, ITR के प्रकार, फाइल करने की प्रक्रिया, आखिरी तारीख, लेट फीस और ऑनलाइन/ऑफलाइन तरीका

ITR क्या है?

ITR यानी Income Tax Return, एक सरकारी फॉर्म है जिसे आयकर विभाग (Income Tax Department) को हर साल भरना होता है। इसमें आप अपनी सालाना कमाई, टैक्स, और टैक्स छूट की जानकारी देते हैं।

अगर आप समय पर ITR नहीं भरते, तो सरकार आपको लेट फीस और ब्याज (Interest) के रूप में पेनल्टी लगा सकती है।

ITR क्यों भरना जरूरी है?

  • कानूनी अनिवार्यता – अगर आपकी आय टैक्स योग्य है, तो यह आपका कानूनी कर्तव्य है।
  • लोन और वीज़ा – ITR होने से होम लोन, कार लोन और विदेश वीज़ा लेना आसान होता है।
  • टैक्स रिफंड – अगर ज्यादा टैक्स कट गया है, तो रिफंड पाने के लिए ITR जरूरी है।
  • वित्तीय रिकॉर्ड – ITR आपका आय प्रमाण (Income Proof) है।

ITR फॉर्म के प्रकार

  1. ITR-1 (सहज):सालाना आय ₹50 लाख तक,सैलरी, पेंशन, और एक हाउस प्रॉपर्टी से आय
  2. ITR-2 कैपिटल गेन (संपत्ति बेचने से आय): विदेश से आय या विदेशी संपत्ति रखने वाले
  3. ITR-3: फर्म में पार्टनर लेकिन खुद बिज़नेस नहीं करते
  4. ITR-4 (सुगरम) छोटे व्यापारी और प्रोफेशनल्स: प्रेज़म्पटिव टैक्स स्कीम (Presumptive Scheme) के तहत आय
  5. ITR-5: फर्म, सोसायटी, लोकल अथॉरिटी, BOI, AOP आदि
  6. ITR-6: कंपनियां जो सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं ले रही हैं
  7. ITR-7: धार्मिक/चैरिटी संस्थान, कॉलेज, राजनीतिक दल

किन्हें ITR भरना जरूरी है?

  • जिनकी सालाना आय ₹5 लाख या उससे ज्यादा है।
  • निवासी व्यक्ति/HUF जिसके पास भारत से बाहर संपत्ति है।
  • जो व्यक्ति टैक्स छूट, रिफंड या डिडक्शन लेना चाहता है।
  • हर व्यवसायी और प्रोफेशनल।
  • विदेशी खाते पर हस्ताक्षर अधिकार रखने वाले।

ITR फाइल करने की प्रक्रिया

ऑनलाइन तरीका
  • आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं।
  • लॉगिन या रजिस्टर करें।
  • सही ITR फॉर्म चुनें।
  • आय और टैक्स डिटेल भरें।
  • डॉक्यूमेंट अपलोड करें (जरूरत हो तो)।
  • सबमिट और वेरिफाई करें।

ITR फाइल करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • बैंक स्टेटमेंट
  • Form 16 / Form 16A
  • TDS सर्टिफिकेट
  • Form 26AS

ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 2025

वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है।

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लेट फीस और पेनल्टी

Section 234F – लेट ITR फाइलिंग पर पेनल्टी

अगर आप तय तारीख के बाद Income Tax Return (ITR) फाइल करते हैं तो Section 234F के तहत पेनल्टी लगती है।

ड्यू डेट्स (AY 2025-26, FY 2024-25)
  • नॉन-ऑडिट केस – 15 सितम्बर 2025 (इस साल के लिए बढ़ाई गई तारीख)
  • टैक्स ऑडिट केस (ट्रांसफर प्राइसिंग नहीं) – 31 अक्टूबर 2025\
  • ट्रांसफर प्राइसिंग केस – 30 नवम्बर 2025
  • बिलेटेड/रिवाइज्ड रिटर्न – 31 दिसम्बर 2025

पेनल्टी स्लैब

  • टोटल इनकम ₹5 लाख से ज्यादा → ₹5,000 पेनल्टी (अगर 31 दिसम्बर 2025 से पहले फाइल किया)
  • टोटल इनकम ₹5 लाख या उससे कम → ₹1,000 पेनल्टी

अगर 31 दिसम्बर 2025 के बाद फाइल किया तो पेनल्टी के साथ रिटर्न फाइल करना भी संभव नहीं होगा, क्योंकि डेडलाइन खत्म हो जाएगी।

समय पर ITR फाइल करने के फायदे

ITR समय पर भरने से न सिर्फ आप एक जिम्मेदार टैक्सपेयर बनते हैं, बल्कि इसके कई कानूनी और आर्थिक फायदे भी होते हैं।

  • लोन आसानी से मिलना: बैंक या फाइनेंस कंपनी जब कार, बाइक, घर या पर्सनल लोन देती है, तो वे ITR की कॉपी मांगते हैं।समय पर ITR होने से आपका लोन अप्रूवल जल्दी हो जाता है।
  • टैक्स रिफंड जल्दी मिलना: अगर आपने जरूरत से ज्यादा टैक्स भर दिया है, तो समय पर ITR फाइल करने से रिफंड प्रोसेस जल्दी हो जाएगा और पैसा जल्दी आपके खाते में आएगा।
  • इनकम और एड्रेस प्रूफ: ITR आपकी आय और पते का आधिकारिक सबूत होता है। यह प्रूफ लोन लेने या वीज़ा अप्लाई करने के समय जरूरी होता है।
  • वीज़ा प्रोसेसिंग में आसानी:ज्यादातर देशों के दूतावास (Embassy) और कॉन्सुलेट वीज़ा के लिए पिछले 2-3 साल के ITR मांगते हैं। समय पर ITR होने से वीज़ा प्रोसेस तेज़ और आसान हो जाती है।
  • Losses को Carry Forward करना: समय पर ITR भरने से आप अपने पिछले साल के Losses को आगे के सालों में Adjust (Set-off) कर सकते हैं। इससे भविष्य में टैक्स बचाने में मदद मिलती है।
  • Penalty और Prosecution से बचाव: समय पर ITR भरने से Section 234F की पेनल्टी, ब्याज और जेल जैसी कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है।

ITR समय पर न भरने के नुकसान

अगर आप तय तारीख (Due Date) तक Income Tax Return (ITR) नहीं भरते, तो केवल पेनल्टी ही नहीं, बल्कि कई कानूनी और आर्थिक नुकसान भी हो सकते हैं।

  • प्रॉसिक्यूशन (कानूनी कार्रवाई): अगर टैक्स विभाग की नोटिस आने के बाद भी जानबूझकर ITR नहीं भरी जाती, तो जेल हो सकती है।
    • सजा: 3 महीने से 2 साल तक की कैद और जुर्माना। अगर बकाया टैक्स ज्यादा है, तो सजा 7 साल तक बढ़ सकती है।
  • पेनल्टी (जुर्माना): इनकम टैक्स ऑफिसर, अंडर-रिपोर्टेड इनकम पर टैक्स का 50% तक जुर्माना लगा सकता है। साथ ही, Section 234F के तहत लेट फाइलिंग फीस भी देनी होगी।
  • Losses का Set-off न हो पाना: अगर आप समय पर ITR नहीं भरते, तो अगले साल के प्रॉफिट से अपने Losses एडजस्ट (set-off) नहीं कर पाएंगे (हाउस प्रॉपर्टी लॉस को छोड़कर)। मतलब, आपका पुराना नुकसान आगे टैक्स बचाने में काम नहीं आएगा।
  • ब्याज (Interest) का बोझ: Section 234A के तहत, 1% प्रति माह (या महीने का हिस्सा भी पूरा महीना माना जाएगा) ब्याज देना होगा।यह ब्याज ड्यू डेट के अगले दिन से लगना शुरू हो जाएगा।
  • रिफंड में देरी: अगर आपका टैक्स ज्यादा जमा हो गया है और आपको रिफंड मिलना है, तो लेट फाइलिंग से यह रिफंड काफी देर से मिलेगा। जल्दी रिफंड पाने के लिए समय पर ITR भरना जरूरी है।

पेपर मोड (ऑफलाइन) में ITR फाइलिंग – ड्यू डेट के बाद

आजकल ITR भरने का सामान्य तरीका ऑनलाइन (e-filing) है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में पेपर मोड (ऑफलाइन) भी स्वीकार किया जाता है।

कब पेपर मोड की अनुमति होती है?

वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक आयु)- जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है, वे पेपर मोड में ITR फाइल कर सकते हैं।\

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी वाले क्षेत्र- अगर किसी क्षेत्र में इंटरनेट, कंप्यूटर या बिजली जैसी सुविधाओं की गंभीर कमी है और बड़ी संख्या में लोग e-filing नहीं कर पा रहे हैं।

सरकार की भूमिका- ऐसे मामलों में सरकार विशेष नोटिफिकेशन जारी करती है।नोटिफिकेशन में SOP (Standard Operating Procedure) बताया जाता है, जिसमें ऑफलाइन फाइलिंग का तरीका और शर्तें दी जाती हैं।

ध्यान देने योग्य बात- सामान्य स्थिति में पेपर मोड से ITR स्वीकार नहीं किया जाता। केवल सरकार द्वारा बताए गए अपवाद मामलों में ही ड्यू डेट के बाद भी पेपर मोड फाइलिंग की अनुमति मिल सकती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1: ITR फाइल करना जरूरी है क्या अगर मेरी आय टैक्स लिमिट से कम है ? – अगर आप टैक्स रिफंड लेना चाहते हैं या आपका TDS कटा है, तो हां, आपको ITR फाइल करना चाहिए।

Q2: ITR ऑनलाइन फाइल करने में कितना समय लगता है ? – अगर सभी डॉक्यूमेंट तैयार हों, तो 15-30 मिनट में हो सकता है।

Q3: ITR फाइल न करने पर क्या होगा ? – लेट फीस, ब्याज और भविष्य में वित्तीय दिक्कतें आ सकती हैं ।

Official Income Tax Website

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निष्कर्ष

आपके वित्तीय जीवन का एक जरूरी हिस्सा ITR फाइल करना है। यदि आप इसे सही तरीके से समय पर करते हैं, तो इससे आपको न केवल पेनल्टी से बचने में मदद मिलेगी, बल्कि आपके वित्तीय प्रोफाइल को भी मजबूती मिलेगी|

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