Term Insurance : टर्म इंश्योरेंस क्या है इसके फायदे, काम करने का तरीका, प्रीमियम, क्लेम प्रक्रिया और 2025 के टॉप टर्म प्लान। आसान हिंदी में पूरी जानकारी पढ़ें।
टर्म इंश्योरेंस क्या है?
टर्म इंश्योरेंस एक प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी है जिसमें पॉलिसीधारक के निधन पर उसके परिवार को तय की गई रकम (Sum Assured) दी जाती है। इसमें निवेश का कोई हिस्सा नहीं होता, सिर्फ जीवन सुरक्षा मिलती है। अगर पॉलिसी अवधि पूरी हो जाए और व्यक्ति जीवित हो, तो कोई राशि वापस नहीं मिलती (कुछ रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान छोड़कर)।
टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा लाइफ इंश्योरेंस प्लान है जिसमें आप एक तय समय (जैसे 10, 20, 30 साल) के लिए प्रीमियम भरते हैं, और अगर उस अवधि में आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आपके परिवार (नॉमिनी) को एक निश्चित राशि (Sum Assured) मिलती है।
टर्म इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा लाइफ इंश्योरेंस प्लान है जो कम प्रीमियम में ज्यादा कवर देता है। यह आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, खासकर तब जब आप उनके साथ न हों।
जरूरी होने के मुख्य कारण:
- परिवार की आर्थिक सुरक्षा – आपकी मृत्यु के बाद परिवार की जरूरतों, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा के खर्च पूरे करने के लिए मदद।
- कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज – सामान्य पॉलिसी की तुलना में बहुत कम कीमत पर करोड़ों का कवरेज।
- कर्ज का भुगतान – होम लोन, पर्सनल लोन या किसी भी प्रकार का कर्ज चुकाने में मदद।
- टैक्स में बचत – आयकर अधिनियम की धारा 80C और 10(10D) के तहत टैक्स लाभ।
- मानसिक शांति – यह जानकर सुकून कि आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित है।
टर्म इंश्योरेंस की मुख्य विशेषताएं
- कम प्रीमियम, ज्यादा कवरेज – कम कीमत में लाखों-करोड़ों रुपये तक का बीमा कवर।
- Pure Life Insurance (प्योर लाइफ इंश्योरेंस) – केवल मृत्यु के मामले में लाभ, निवेश का कोई हिस्सा नहीं।
- फिक्स्ड प्रीमियम – पूरी पॉलिसी अवधि में प्रीमियम समान रहता है।
- फ्लेक्सिबल पॉलिसी टर्म – 5 साल से लेकर 40 साल या उससे ज्यादा की अवधि का विकल्प।
- लम्प-सम या मासिक भुगतान का विकल्प – नॉमिनी को एकमुश्त राशि या मासिक किस्तों में भुगतान।
- अतिरिक्त राइडर्स का विकल्प – क्रिटिकल इलनेस, एक्सीडेंटल डेथ, प्रीमियम वेवर जैसी सुविधाएं।
- टैक्स लाभ – आयकर अधिनियम की धारा 80C और 10(10D) के तहत छूट।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद – आसानी से घर बैठे पॉलिसी लेना संभव।
- Claim Settlement Ratio (क्लेम सेटलमेंट रेशियो) – बीमा कंपनी की भरोसेमंद सेवा का संकेत।
- कस्टमाइजेशन – उम्र, आय और जरूरत के अनुसार कवर चुनने की सुविधा।
टर्म इंश्योरेंस कैसे काम करता है?
- आप पॉलिसी लेते हैं और प्रीमियम समय पर भरते हैं।
- पॉलिसी अवधि में आपके निधन पर नामांकित व्यक्ति को राशि मिलती है।
- अवधि पूरी होने पर कोई राशि नहीं मिलती (अगर रिटर्न ऑफ प्रीमियम नहीं चुना हो)।
टर्म इंश्योरेंस के फायदे
- कम प्रीमियम में ज्यादा सुरक्षा
- परिवार की आर्थिक स्थिरता
- कर्ज से राहत
- टैक्स में बचत
- लंबी अवधि तक कवरेज
टर्म इंश्योरेंस के प्रकार
- लेवल टर्म इंश्योरेंस
- इसमें पूरी पॉलिसी अवधि में सम एश्योर्ड (कवर राशि) एक जैसी रहती है।
- उदाहरण: आपने ₹50 लाख का कवर लिया, तो 10 साल बाद भी यही राशि रहेगी।
- किसके लिए सही: जो लोग स्थिर और सीधी योजना चाहते हैं।
- इसमें पूरी पॉलिसी अवधि में सम एश्योर्ड (कवर राशि) एक जैसी रहती है।
- इनक्रीजिंग टर्म इंश्योरेंस
- इसमें हर साल कवर राशि एक तय प्रतिशत से बढ़ती रहती है (जैसे 5% या 10%)। फायदा यह है कि महंगाई के हिसाब से कवर भी बढ़ता है।
- किसके लिए सही: जिनके खर्च समय के साथ बढ़ेंगे, जैसे युवा परिवार।
- इसमें हर साल कवर राशि एक तय प्रतिशत से बढ़ती रहती है (जैसे 5% या 10%)। फायदा यह है कि महंगाई के हिसाब से कवर भी बढ़ता है।
- डीक्रीजिंग टर्म इंश्योरेंस
- इसमें कवर राशि समय के साथ घटती है। अक्सर होम लोन या बिजनेस लोन वाले लोग लेते हैं, क्योंकि कर्ज कम होते-होते जोखिम भी घटता है।
- किसके लिए सही: सिर्फ लोन चुकाने की सुरक्षा के लिए।
- इसमें कवर राशि समय के साथ घटती है। अक्सर होम लोन या बिजनेस लोन वाले लोग लेते हैं, क्योंकि कर्ज कम होते-होते जोखिम भी घटता है।
- कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस
- शुरुआत में टर्म प्लान होता है, लेकिन बाद में इसे किसी अन्य लाइफ इंश्योरेंस प्लान (जैसे एंडोमेंट या मनी-बैक) में बदल सकते हैं।
- किसके लिए सही: जिनकी आय भविष्य में बढ़ सकती है और वे निवेश वाला प्लान लेना चाहेंगे।
- शुरुआत में टर्म प्लान होता है, लेकिन बाद में इसे किसी अन्य लाइफ इंश्योरेंस प्लान (जैसे एंडोमेंट या मनी-बैक) में बदल सकते हैं।
- रिटर्न ऑफ प्रीमियम (ROP) टर्म इंश्योरेंस
- पॉलिसी अवधि पूरी होने पर अगर आप जीवित हैं, तो आपके द्वारा भरा गया प्रीमियम वापस मिल जाता है। सामान्य टर्म प्लान से महंगा होता है।
- किसके लिए सही: जिन्हें “पैसा खोने” का डर हो।
- पॉलिसी अवधि पूरी होने पर अगर आप जीवित हैं, तो आपके द्वारा भरा गया प्रीमियम वापस मिल जाता है। सामान्य टर्म प्लान से महंगा होता है।
- ग्रुप टर्म इंश्योरेंस
- कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह देती हैं। इसमें एक ही पॉलिसी के तहत कई लोगों को कवर किया जाता है।
- किसके लिए सही: कर्मचारी समूह या संस्था के सदस्य।
- कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह देती हैं। इसमें एक ही पॉलिसी के तहत कई लोगों को कवर किया जाता है।
सही टर्म इंश्योरेंस कैसे चुनें?
- कवरेज आपकी वार्षिक आय का 10-15 गुना होना चाहिए।
- प्रीमियम आपकी जेब के अनुसार हो।
- क्लेम सेटलमेंट रेशियो 95%+ वाली कंपनी चुनें।
- एड-ऑन बेनिफिट्स देखें (क्रिटिकल इलनेस, डिसएबिलिटी कवर)।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प तुलना करें।
2025 में भारत के टॉप टर्म इंश्योरेंस प्लान
- LIC Tech Term Plan
- HDFC Life Click 2 Protect Super
- ICICI Pru iProtect Smart
- Max Life Smart Secure Plus
- SBI Life eShield Next
- Tata AIA Sampoorna Raksha Supreme
- PNB MetLife Mera Term Plan Plus
टर्म इंश्योरेंस की प्रीमियम तय करने वाले फैक्टर
- आयु (Age) – कम उम्र में पॉलिसी लेने पर प्रीमियम काफी कम होता है, उम्र बढ़ने पर जोखिम और प्रीमियम दोनों बढ़ते हैं।
- कवरेज अमाउंट (Sum Assured) – जितना ज्यादा बीमा कवर चुनेंगे, प्रीमियम उतना ज्यादा होगा।
- पॉलिसी अवधि (Policy Term) – लंबी अवधि के लिए पॉलिसी लेने पर कुल प्रीमियम ज्यादा हो सकता है, लेकिन सालाना किस्त कम रह सकती है।
- स्वास्थ्य स्थिति (Health Condition) – पहले से मौजूद बीमारियां, मेडिकल हिस्ट्री और फिटनेस लेवल प्रीमियम को प्रभावित करते हैं।
- लाइफस्टाइल (Lifestyle Habits) – धूम्रपान, शराब या नशे की आदत होने पर प्रीमियम बढ़ जाता है।
- पेशा (Occupation) – खतरनाक पेशे (जैसे माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, पायलट आदि) में काम करने वालों का प्रीमियम ज्यादा होता है।
- प्रीमियम भुगतान का तरीका (Payment Frequency) – सालाना, अर्धवार्षिक, तिमाही या मासिक भुगतान के आधार पर राशि में फर्क आता है।
- जेंडर (Gender) – आमतौर पर महिलाओं के लिए प्रीमियम पुरुषों की तुलना में थोड़ा कम होता है।
- राइडर्स (Add-on Benefits) – क्रिटिकल इलनेस, एक्सीडेंटल डेथ जैसे राइडर्स जोड़ने पर प्रीमियम बढ़ता है।
- बीमा कंपनी की पॉलिसी – अलग-अलग कंपनियों की अंडरराइटिंग प्रक्रिया और रिस्क आकलन अलग होते हैं, जिससे प्रीमियम में अंतर आता है।
टर्म इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया
- पॉलिसीधारक के निधन पर कंपनी को तुरंत सूचना दें।
- क्लेम फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज़ जमा करें (डेथ सर्टिफिकेट, पॉलिसी कॉपी, पहचान पत्र)।
- कंपनी वेरिफिकेशन के बाद राशि नामांकित व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करेगी।
टर्म इंश्योरेंस में आम गलतियां
- कम कवरेज लेना – सिर्फ प्रीमियम बचाने के लिए बहुत कम बीमा राशि चुनना, जो परिवार की जरूरत पूरी नहीं कर पाती।
- देरी से पॉलिसी खरीदना – उम्र बढ़ने पर प्रीमियम ज्यादा होता है और स्वास्थ्य समस्याएं आने पर पॉलिसी लेना मुश्किल हो सकता है।
- लाइफस्टाइल और हेल्थ इंफॉर्मेशन छिपाना – गलत या अधूरी जानकारी देने से क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
- पॉलिसी डॉक्यूमेंट न पढ़ना – शर्तों, राइडर्स और बहिष्करण (exclusions) को न समझना।
- सिर्फ प्रीमियम देखकर पॉलिसी चुनना – कम प्रीमियम के चक्कर में क्लेम सेटलमेंट रेशियो और कंपनी की विश्वसनीयता नजरअंदाज करना।
- बहुत कम अवधि की पॉलिसी लेना – जरूरत से कम टर्म चुनने पर भविष्य में नया कवर लेना महंगा हो सकता है।
- राइडर्स को नजरअंदाज करना – एक्सीडेंट, क्रिटिकल इलनेस जैसे राइडर्स न लेना, जो अतिरिक्त सुरक्षा देते हैं।
- नामांकित व्यक्ति (Nominee) अपडेट न करना – शादी, बच्चे होने या अन्य बदलाव के बाद भी नॉमिनी अपडेट न करना।
- पॉलिसी लैप्स होने देना – समय पर प्रीमियम न भरना, जिससे कवरेज खत्म हो जाता है।
- कई पॉलिसियों में बिखराव – अलग-अलग कंपनियों से बहुत सी पॉलिसियां लेकर ट्रैक रखना मुश्किल बनाना।
टर्म इंश्योरेंस पर टैक्स लाभ
- धारा 80C – सालाना ₹1.5 लाख तक प्रीमियम पर टैक्स छूट
- धारा 10(10D) – मृत्यु लाभ पर टैक्स नहीं लगता
टर्म इंश्योरेंस को कौन नियंत्रित करता है?
भारत में टर्म इंश्योरेंस और बाकी सभी लाइफ इंश्योरेंस योजनाओं को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) नियंत्रित करता है।
IRDAI का काम टर्म इंश्योरेंस में
- प्लान की मंजूरी देना – कोई भी नया टर्म इंश्योरेंस प्लान बाजार में लाने से पहले IRDAI की मंजूरी जरूरी है।
- बीमा कंपनियों पर नजर रखना – यह देखना कि कंपनियां ईमानदारी से काम कर रही हैं और ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है।
- पॉलिसीधारकों की सुरक्षा – क्लेम जल्दी और सही समय पर मिले, इसके लिए नियम बनाना और उनका पालन करवाना।
- प्रीमियम पर निगरानी – कंपनियां प्रीमियम तय कर सकती हैं, लेकिन वो सही गणना और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए।
- जानकारी और पारदर्शिता – पॉलिसी के फायदे, नुकसान और शर्तें साफ-साफ बताना अनिवार्य करना।
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निष्कर्ष
टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा सुरक्षा कवच है जो परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है, खासकर तब जब कमाने वाला सदस्य नहीं रहता। कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज, आसान क्लेम प्रक्रिया और टैक्स लाभ इसे हर कमाई करने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी बनाते हैं।
2025 में बढ़ते खर्च और अनिश्चितताओं के बीच टर्म इंश्योरेंस न केवल समझदारी भरा फैसला है, बल्कि यह आपके परिवार को मानसिक सुकून भी देता है। सही पॉलिसी चुनकर, समय पर प्रीमियम भरकर और सभी जरूरी दस्तावेज़ अपडेट रखकर आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका परिवार हर परिस्थिति में सुरक्षित रहे।
2 thoughts on “Term Insurance : टर्म इंश्योरेंस क्या है ? इसके फायदे, काम करने का तरीका, प्रीमियम, क्लेम प्रक्रिया और 2025 के टॉप टर्म प्लान!!”